- पूर्व प्रभारी प्राचार्य पर गंभीर आरोप, ग्रामीण विधायक व सांसद प्रतिनिधि, जनप्रतिनिधियों ने की कार्रवाई की मांग 

पूर्व प्रभारी प्राचार्य 16 - 17 वर्षों से जमे एक ही स्कूल में 


चंद्र प्रकाश साहू 

सूरजपुर/ प्रेमनगर।  जिले के प्रेमनगर विकासखंड स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चन्दननगर में सामाजिक अंकेक्षण के दौरान वित्तीय अनियमितता का गंभीर मामला उजागर हुआ है। तत्कालीन प्रभारी प्राचार्य ईश्वर प्रसाद सिंह नेताम पर फीस वसूली में धांधली, समग्र शिक्षा योजना की राशि के दुरुपयोग, राष्ट्रीय पर्वों की उपेक्षा, अनुशासनहीनता, 16–17 वर्षों तक एक ही पदस्थापना का लाभ उठाकर प्रभाव का दुरुपयोग और 2008 से अब तक सरकारी व स्थानीय निधियों में भारी गड़बड़ी जैसे आरोप सामने आए हैं। 


ग्रामीणों, अभिभावकों, पंचायत प्रतिनिधियों और जनप्रतिनिधियों के प्रतिनिधियों ने एकजुट होकर सूरजपुर कलेक्टर को शिकायत सौंपते हुए कहा है कि 9वीं से 12वीं तक के छात्रों से शासन द्वारा निर्धारित शुल्क से अधिक राशि वसूली गई और अधिकांश मामलों में रसीद भी नहीं दी गई, जिससे यह धन उगाही की श्रेणी में आता है। समग्र शिक्षा योजना के तहत प्राप्त 25,000 रुपये की पहली किस्त निकालने के बाद न तो स्कूल प्रबंधन समिति को जानकारी दी गई और न ही किसी कार्य का निष्पादन किया गया। 


स्कूल में 15 अगस्त जैसे राष्ट्रीय पर्वों पर सजावट और कार्यक्रमों को भी रोका गया, जिससे बच्चों में राष्ट्रीय भावना से जुड़े कार्यक्रम प्रभावित हुए। ग्रामीणों का आरोप है कि पूर्व प्रभारी प्राचार्य समय पर स्कूल नहीं पहुंचते थे, शिक्षण कार्य में लापरवाही बरतते थे और अनुशासनहीनता का वातावरण तैयार करते थे। शिकायतकर्ताओं ने पति-पत्नी दोनों द्वारा HRA प्राप्त किए जाने की भी जांच की मांग की है। 


संकुल चन्दननगर और तारा-2 के लिए स्वीकृत 40-40 हजार रुपये की उपयोगिता पर भी प्रश्न उठाए गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इतने वर्षों तक एक ही स्कूल में पदस्थ रहकर पूर्व प्रभारी प्राचार्य ने प्रभाव का अनुचित इस्तेमाल किया और शिक्षा व्यवस्था को नुकसान पहुंचाया। ग्रामीणों का आरोप है कि यदि तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो निष्पक्ष जांच संभव नहीं होगी, इसलिए वर्तमान में भूगोल के व्याख्याता के रूप में कार्यरत शिक्षक को कार्य से हटाकर पूर्ण जांच एवं वसूली की कार्रवाई की जानी चाहिए। 


स्थानीय ग्रामीण ने बताया कि शिक्षा विभाग में लगातार हो रहे भ्रष्टाचार से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और योजनाओं का लाभ असली हितग्राहियों तक नहीं पहुंच रहा। शिकायतकर्ताओं ने कलेक्टर से त्वरित हस्तक्षेप की अपील करते हुए कहा है कि देरी होने पर शासन की छवि प्रभावित होगी। 


ग्रामीणों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि समय पर न्याय नहीं मिला, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे और उम्मीद जताई है कि जिला प्रशासन पारदर्शी और त्वरित कार्रवाई कर शिक्षा संस्थानों की विश्वसनीयता को बनाए रखेगा।