- लंबे समय चल रहा अटैच मेंट, 3 वर्ष पूरा करने के बाद भी जमे है तहसील में


सूरजपुर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले की प्रेमनगर तहसील में भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अनियमितताओं का खेल खुलेआम जारी है। हमर उत्थान सेवा समिति ने तहसील कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड-3 सोनकलिया सिंह पर अभद्र व्यवहार, पद का दुरुपयोग और अनधिकृत रूप से पदस्थ रहने का गंभीर आरोप लगाया है। समिति ने इस संबंध में सरगुजा संभाग आयुक्त और सूरजपुर कलेक्टर को पत्र भेजकर उनकी मूल पदस्थापना स्थान पर वापसी की मांग की है।

समिति के अनुसार, सोनकलिया सिंह की नियुक्ति वर्ष 2011-12 में भृत्य पद पर हुई थी। वर्ष 2021-22 में प्रमोशन मिलने के बाद उनका स्थानांतरण तहसील रामानुजनगर के लिए हुआ, लेकिन उन्होंने आज तक वहां जॉइन नहीं किया। इसके बावजूद वे प्रेमनगर तहसील में ही रिकॉर्ड रूम और नकल शाखा जैसे महत्वपूर्ण विभागों का संचालन कर रही हैं।

हमर उत्थान सेवा समिति ने आरोप लगाया कि सोनकलिया सिंह द्वारा नागरिकों से शासकीय दस्तावेजों की प्रतिलिपि के लिए रिश्वत मांगी जाती है। रिश्वत न देने वालों को जानबूझकर चक्कर कटवाए जाते हैं और अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाता है। समिति ने कहा कि यह रवैया शासन की “भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन” नीति के विपरीत है।

तीन माह पूर्व समिति द्वारा कलेक्टर और सरगुजा आयुक्त को शिकायत भेजी गई थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। प्रशासन की यह चुप्पी और निष्क्रियता सवाल खड़े करती है।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि प्रेमनगर तहसील में अटैचमेंट का खेल वर्षों से जारी है। कई लिपिक और भृत्य, जो इसी क्षेत्र के निवासी हैं, ने कार्यालय को अपने निजी प्रभाव क्षेत्र में बदल दिया है।

सबसे गंभीर सवाल अनुभागीय अधिकारी (एसडीएम प्रेमनगर) की भूमिका को लेकर उठ रहे हैं। उनके कार्यालय में शिकायतें दर्ज होने के बावजूद न कोई जांच हुई, न कोई कार्रवाई। एसडीएम की यह मौन स्वीकृति भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के रूप में देखी जा रही है।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों का कहना है कि यदि एसडीएम ही सख्ती नहीं दिखाएंगे, तो “अटैचमेंट और रिश्वतखोरी का यह खेल कभी खत्म नहीं होगा।”