सुरजपुर। जिल के प्रेमनगर विकासखंड में इन दिनों मनरेगा योजनाओं का सोशल आडिट चल रहा है, परंतु यह प्रक्रिया पारदर्शिता के बजाय अवैध वसूली के आरोपों में घिरती जा रही है। सूत्रों के अनुसार, आडिट करने पहुंचे कुछ युवक विभिन्न ग्राम पंचायतों में जाकर रोजगार सहायकों, मेटों और मुंशियों से मनमाफिक मांग कर रहे हैं।
स्थानीय कर्मियों का आरोप है कि उनसे नकद राशि के साथ ही शराब और गांजा जैसी अनुचित वस्तुओं की भी मांग की जा रही है। इतना ही नहीं, इन आडिटरों द्वारा सेवा समाप्ति का डर दिखाकर कर्मियों को धमकाया जा रहा है।
आदिवासी बहुल इस अंचल में रोजगार सहायक और मेट डरे-सहमे हुए हैं और खुलकर शिकायत नहीं कर पा रहे। बताया जा रहा है कि इस अवैध वसूली की जानकारी जिले के अधिकारी श्याम बिहारी को दी जा चुकी है, लेकिन अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई है।
स्थानीय सामाजिक संगठन हमर उत्थान सेवा समिति ने इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच और पारदर्शी सोशल आडिट की मांग की है। समिति ने जिला पंचायत के कार्यपालन अधिकारी से अवैध वसूली पर तत्काल रोक लगाने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर पत्र लिखा है।